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Vatsalya Vatika

वात्सल्य वाटिका प्रकल्प के बढ़ते चरण

पुण्य सलिला मां गंगा के पावन तट पर एवं विश्व की आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार में वत्सले वाटिका नाम के प्रकल्प स्वर्गीय अशोक सिंघल जी की प्रेरणा से 5 जुलाई 1999 में 15 बच्चों के साथ बहादराबाद में प्रारंभ हुआ। यह प्रकल्प स्वामी ओम प्रकाश आनंद तीरथ गंगा श्री जन सेवा न्यास द्वारा संचालित है। पूर्व में इस के महामंत्री स्वर्गीय ओमकार भावे थे। वर्तमान में आदरणीय चंपत राय जी विहिप के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष महामंत्री हैं। इसके सफल संचालन हेतु एक स्वागत सर पर संचालन समिति का गठन हुआ है। जो निरंतर प्रकल्प के उन्नयन एवं प्रगति पर नजर रखती है।

वर्तमान में प्रकल्प पर 80 बच्चों का लालन-पालन निशुल्क हो रहा है इसमें 40 बच्चे असम एवं त्रिपुरा के हैं। शेष अन्य 6 प्रांतों के अनाथ उपलक्ष एक अभावग्रस्त बालक हैं। हरिद्वार संतों की नगरी है संतों का केंद्रीय अधिकारियों का यह संघ परिवार के अधिकारियों का निरंतर परवाज होता रहता है। इस वर्ष मिलिंद पांडे जी महामंत्री डॉ कृष्ण गोपाल जी सह सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं कई प्रशासनिक अधिकारियों का मार्गदर्शन प्रकल्प को मिला। इस वर्ष मार्च में डीएम हरिद्वार ने अचानक प्रकल्प पर पहुंचकर भ्रमण कर प्रकल्प की प्रशंसा की है।

इस वर्ष अप्रैल में क्षेत्र की समस्या बैठक संपन्न हुई। जिसके देवजी भाई रावत केंद्रीय मंत्री एवं मनोज वर्मा जी से संगठन मंत्री का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। प्रकल्प के बच्चे खेलकूद फुटबॉल में भी इस वर्ष जिला स्तर से राज्य स्तर पर गोल्ड मेडल प्राप्त किए हैं। निरंतर अभ्यास से राष्ट्रीय स्तर पर आने हेतु तैयारी कर रहे हैं। बच्चों की संगीत, कंप्यूटर कोर्स, बागवानी, गौशाला का कार्य स्वच्छता एवं अन्य स्वावलंबन के कार्यों में दक्ष किया जा रहा है। देवभूमि उत्तराखंड में यह आदर्श प्रकल्प बने ऐसा प्रयास समिति कर रही है। पर कल का चार लाख प्रतिमा का वह है इस वर्ष 60 आठ लाख का बजट समिति ने पास किया है इस प्रकल्प की शाखाएं देवभूमि में अन्य जिलों में खुले इस हेतु प्रयास किया जा रहा है। प्रकल्प का संपूर्ण वह दान से ही चलता है। शासन स्तर से कोई भी सहयोग नहीं मिलता है। पुरातन बच्चों में 50 बच्चे विभिन्न स्थानों पर नौकरी एवं व्यवसाय वर्तमान के में कर रहे हैं। जिसमें इंजीनियरिंग, रेलवे, सुरक्षा वकील एवं अन्य कार्यों को कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। वर्ष में 3 बड़े कार्यक्रम मकर संक्रांति, दिवाली, जन्माष्टमी एवं अन्य राष्ट्रीय पर्व भव्यता के साथ मनाए जाते हैं। आप जब भी हरिद्वार पधारे एक बार प्रकल्प पर बच्चों को आशीर्वाद अवश्य दें।

जय श्री राम

प्रदीप कुमार मिश्रा
प्रबंधक